भारतवर्षोन्नति कैसे हो सकती है : भारतेन्दु हरीशचंद्र
आज बड़े आनन्द का दिन है कि छोटे से नगर बलिया में हम इतने मनुष्यों को एक बड़े उत्साह से एक स्थान पर देखते हैं।
आज बड़े आनन्द का दिन है कि छोटे से नगर बलिया में हम इतने मनुष्यों को एक बड़े उत्साह से एक स्थान पर देखते हैं।
किसी श्रीमान जमीनदार के महल के पास एक गरीब अनाथ विधवा की झोंपड़ी थी। जमीनदार साहब को अपने महल का हाता उस झोंपड़ी तक बढ़ाने
1 काशी जी के दशाश्वमेध घाट पर स्नान करके एक मनुष्य बड़ी व्यग्रता के साथ गोदौलिया की तरफ आ रहा था। एक हाथ में एक
भगवान चंद्रदेव! आपके कमलवत कोमल चरणों में इस दासी का अनेक बार प्रणाम। आज मैं आपसे दो चार बातें करने की इच्छा रखती हूँ। देखो,
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