कहानी से जुड़ी मुख्य बातें कहानी की विषय-वस्तु कहानी के पात्र कहानी का सारांश दिलफिगार एक कँटीले पेड़ के नीचे दामन चाक किये बैठा हुआ खून के आँसू बहा रहा था। वह सौन्दर्य की देवी यानी मलका दिलफरेब का सच्चा और जान-देनेवाला प्रेमी था। उन प्रेमियों में वही जो इत्र-फुलेल में बसकर और शानदार कपड़ों...
“किरन! तुम्हारे कानों में क्या है?” उसके कानों से चंचल लट को हटाकर कहा – “कँगना।” “अरे! कानों में कँगना?” सचमुच दो कंगन कानों को घेरकर बैठे थे। “हाँ, तब कहाँ पहनूँ?” किरन अभी भोरी थी। दुनिया में जिसे भोरी कहते हैं, वैसी भोरी नहीं। उसे वन के फूलों का भोलापन समझो। नवीन चमन के...